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स्वागत हैं आपका मेरे वेबसाइट "सामान्य विज्ञान हिंगलिश " में. मेरे वेवसाईट के माध्यम से आप सभी को विज्ञान का दर्शन एंव ज्ञान वर्धक में सहायता प्रदान करना चाहता हु, हिंदी और इंग्लिश के वर्ड में। यहां मैं general science के थ्योरी और वस्तुनिष्ठ प्रश्न का आपसे रूबरू कराऊंगा।
Tuesday, 4 February 2025
Monday, 9 October 2023
प्लवन (Flotation), उत्प्लावक बल (Buoyant force), घनत्व (Density) और मित केंद्र (Meta Center)
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
- आर्कमिडीज का सिद्धान्त : जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभास होता है। भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाये गये द्रव के भार के बराबर होती है।
- प्लवन का नियम
- संतुलित अवस्था में तैरने पर वस्तु अपने भार के बराबर द्रव विस्थापित करती है।
- ठोस का गुरुत्व - केन्द्र तथा हटाए गये द्रव का गुरुत्व- केन्द्र दोनों एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए।
- इसका S.I. मात्रक किलोग्राम मीटर होता है.
- मित केन्द्र (Meta Centre): तैरती हुई वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के गुरुत्व - केन्द्र को उत्प्लावन- केन्द्र कहते हैं। उल्लावन - केन्द्र से जानेवाली ऊर्ध्व रेखा जिस बिन्दु पर वस्तु के गुरुत्व - केन्द्र से जाने वाली प्रारंभिक ऊर्ध्व रेखा को काटती है उसे मित केन्द्र कहते हैं।
- तैरने वाली वस्तु के स्थायी संतुलन के लिए शर्तें
- मित केन्द्र गुरुत्व केन्द्र के ऊपर होना चाहिए।
- वस्तु का गुरुत्व-केन्द्र तथा हटाये गये द्रव का गुरुत्व-केन्द्र अर्थात् उत्प्लावन केन्द्र दोनों को एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होना चाहिए।
Tuesday, 3 October 2023
दाब / Pressure /
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
दाब (P) =AF
=पृष्ठ का क्षेत्रफलपृष्ठ के लम्बवत् बल
- 1 बार=102 N/m2
>पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण
(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है,
(ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउण्टेन पेन से स्याही रिस जाती है।
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एका-एक नीचे गिरता है, तो आँधी आने की संभावना होती है।
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है।
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ रहने की संभावना होती है।
- p (दाब) = h x d x g
(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है।
(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है।
(iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतंत्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता है।
द्रव - दाब सम्बन्धी पास्कल का नियम
पास्कल के नियम का द्वितीय कथन : किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है।
पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र हैं : हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि।
>द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृति पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है।
गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (Effect of Pressure on Melting Point and Boiling Point): -
गलनांक पर प्रभाव:
(i) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है; जैसे—मोम, घी आदि।
(ii) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है; जैसे बर्फ ।
क्वथनांक पर प्रभाव : सभी द्रवों का क्वथनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाता है।
Monday, 2 October 2023
Gravity and Gurutvakarshan / गुरुत्वाकर्षण
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
- न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton's Law of Gravitaion) : किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्य करने वाला आकर्षण बल पिण्डों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच के दूरी की वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- माना दो पिण्ड जिनके द्रव्यमान m, एवं m, हैं, एक दूसरे से R दूरी पर स्थित है, तो न्यूटन के नियम के अनुसार उनके बीच लगने वाला आकर्षण - बल, F=Gm1m2/r2 होता है। जहाँ G एक नियतांक है,
- जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं और जिसका मान = 6.67 × 10-11 ×Nm2/Kg2 होता है।
गुरुत्व जनित त्वरण (g) वस्तु के रूप, आकार, द्रव्यमान आदि पर निर्भर नहीं करता है।
- g के मान में परिवर्तन
2.'g' का मान महत्तम पृथ्वी के ध्रुव (pole) पर होता है।
3. ́g ́ का मान न्यूतम विषुवत् रेखा ( equator) पर होता है।
4. पृथ्वी के घूर्णन गति बढ़ने पर '8' का मान कम हो जाता है।
- लिफ्ट में पिण्ड का भार (Weight of a body in lift)
Saturday, 30 September 2023
कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति / Work, Energy, ans Power
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
कार्य (Work): कार्य की माप लगाये गये बल तथा बल की दिशा में वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है। कार्य एक अदिश राशि है; इसका S. I मात्रक जूल है ।
- कार्य = बल x विस्थापन
नोट : यदि बल F तथा विस्थापन S के मध्य 0 कोण बनता है, तो—
- W = F x S.cosθ
ऊर्जा (Energy): किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं । ऊर्जा एक अदिश राशि है, इसका SI मात्रक जूल है ।
> कार्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है, जो दो प्रकार की होती है—
(i) गतिज ऊर्जा (ii) स्थितिज ऊर्जा |
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy): किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने की जो क्षमता आ जाती है, उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं । यदि m द्रव्यमान की वस्तु वेग से चल रही हो, तो गतिज ऊर्जा (KE) होगी-
- K.E. = 1/2 mv2
स्थितिज ऊर्जा (Potential energy): जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (State) या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है, तो उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं, जैसे :- बाँध बनाकर इकट्ठा किये गये पानी की ऊर्जा, घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा, तनी हुई स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा । गुरुत्व बल के विरुद्ध संचित स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक है-
- P.E. = mgh जहाँ m = द्रव्यमान, 8 - गुरुत्वजनित त्वरण, h = ऊँचाई
ऊर्जा रूपांतरित करने वाले कुछ उपकरण:-
Sr. | उपकरण | ऊर्जा का रूपान्तरण |
---|---|---|
1 | डायनेमो | यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में |
2 | मोमबत्ती | रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में |
3 | माइक्रोफोन | ध्वनि ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में |
4 | लाऊडस्पीकर | विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
5 | सोलर सेल | सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में |
6 | ट्यूब लाइट | विद्युत् ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में |
7 | विद्युत् मोटर | विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
8 | विद्युत् बल्ब | विद्युत् ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में |
9 | विद्युत् सेल | रासायनिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में |
10 | सितार | यांत्रिक ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
- KE = P2 / 2 जहाँ P (संवेग) = mv
शक्ति =समयकार्य =सेकंडजूल= वाट
- 1KW = 1000W 1MW = 106 W
- 1 अश्व शक्ति (H.P.) = 746 W
- 1 वाट - सेकण्ड = 1 वाट x 1 सेकण्ड = 1 जूल
- 1 वाट घंटा (Wh) = 3600 जूल
- 1 किलोवाट घंटा = 1000 वाट घंटा = 3-6 × 10° जूल
Friday, 29 September 2023
गति / motion / physics in motion / motion topic /
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
अदिश राशि (Scalar Quantity ) : वैसी भौतिक राशि, जिनमें केवल परिमाण होता है, दिशा नहीं, उसे अदिश राशि कहा जाता है; जैसे— द्रव्यमान, चाल, आयतन, कार्य, समय, ऊर्जा आदि।
नोट : विद्युत् धारा (Current), ताप (Temperature), दाब (Pressure) ये सभी अदिश राशियाँ हैं।
सदिश राशि (Vector Quantity): वैसी भौतिक राशि, जिनमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी रहती है और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती है उन्हें सदिश राशि कहते हैं; जैसे—वेग, विस्थापन, बल, त्वरण आदि।
दूरी (Distance) : किसी दिये गये समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय किये गये मार्ग की लम्बाई को दूरी कहते हैं । यह एक अदिश राशि है । यह सदैव धनात्मक (+ve) होती है । विस्थापन (Displacement ) : एक निश्चित दिशा में दो बिन्दुओं के बीच की लम्बवत् ( न्यूनतम) दूरी को विस्थापन कहते हैं । यह सदिश राशि है । इसका SI मात्रक मीटर है। विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य कुछ भी हो सकता है।
- [ चाल=दूरी/समय ] यह एक अदिश राशि है । इसका SI मात्रक मी० / से० है।
न्यूटन का गति - नियम (Newton's laws of motion) : भौतिकी के पिता न्यूटन ने सन् 1687 ई० में अपनी पुस्तक 'प्रिंसिपिया' में सबसे पहले गति के नियम को प्रतिपादित किया था ।
उत्तोलक (Lever): उत्तोलक एक सीधी या टेढ़ी दृढ़ छड़ होती है, जो किसी निश्चित बिन्दु के चारों ओर स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकती है । उत्तोलक में तीन बिन्दु होते हैं—
Thursday, 28 September 2023
मात्रक एवं उनकी इकाई / units and their units / Detailed Topic
भौतिक विज्ञान
भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है।
> मात्रक (Unit) : किसी राशि के मापन के निर्देश मानक को मात्रक कहते हैं ।
मात्रक दो प्रकार के होते हैं—मूल मात्रक (fundamental unit ) एवं व्युत्पन्न मात्रक (derived unit)
S. I. पद्धति में मूल मात्रक की संख्या सात हैं, जिसे नीचे की सारणी में दिया गया है—
Sr. | प्रचलित नाम | S.I. के मूल मात्रक | संकेत |
---|---|---|---|
1 | लम्बाई | मीटर (metre) | m(मी) |
2 | द्रव्यमान | किलोग्राम (kilogram) | kg(किग्रा) |
3 | समय | सेकण्ड (second) | s(से) |
4 | ताप | केल्विन (kelvin) | K(के) |
5 | विद्युत् धारा | ऐम्पियर (ampere) | A(ऐ) |
6 | ज्योति - तीव्रता | कैण्डेला ( candela ) | cd(कैण्ड) |
7 | पदार्थ का परिमाण | मोल (mole) | mol(मोल) |
- वे सभी मात्रक, जो मूल मात्रकों की सहायता से व्यक्त किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
- बहुत लम्बी दूरियों को मापने के लिए प्रकाशवर्ष का प्रयोग किया जाता है अर्थात् प्रकाशवर्ष दूरी का मात्रक है ।
- दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है ।
- बल की C.G.S. पद्धति में मात्रक डाइन है एवं S. I. पद्धति में मात्रक न्यूटन है ।
- कार्य की C.G.S. पद्धति में मात्रक अर्ग है एवं S. I. पद्धति में मात्रक जूल है ।
> दस की विभिन्न घातों के प्रतीक ( Symbols for various powers of 10 ) : भौतिकी में बहुत छोटी और बहुत बड़ी राशियों के मानों को दस की घात के रूप में व्यक्त किया जाता है।
> 10 की कुछ घातों को विशेष नाम तथा संकेत दिये गये हैं जिसे नीचे दी गई सारणी में दिया गया है।
Sr. |
दस की घात |
पूर्व प्रत्यय (Prefix) |
प्रतीक (Symbol) |
---|---|---|---|
1 |
1018 |
एक्सा (exa) |
E |
2 |
1015 |
पेटा (peta) |
P |
3 |
1012 |
टेरा (tera) |
T |
4 |
109 |
गीगा (giga) |
G |
5 |
106 |
मेगा (mega) |
M |
6 |
103 |
किलो (kilo) |
K |
7 |
102 |
हेक्टो (hecto) |
h |
8 |
101 |
डेका (deca) |
da |
9 |
10-18 |
एटो (atto) |
a |
10 |
10-15 |
फेम्टो (femto) |
f |
11 |
10-12 |
पीको (pico) |
p |
12 |
10-9 |
नैनो (nano) |
n |
13 |
10-6 |
माइक्रो (micro) |
μ |
14 |
10-3 |
मिली (milli) |
m |
15 |
10-2 |
सेण्टी (centi) |
c |
16 |
10-1 |
डेसी (deci) |
d |
-
भौतिक विज्ञान भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है।...
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भौतिक विज्ञान भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है।...